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सम्मान – आत्मीयता का प्रथम चरण

होता हो… सम्राट वही, जिसके शीर्ष पर ताज है, पर प्रतिष्ठा, पूंजी, पूर्णता का, सम्मान कब मोहताज है? आज यह जगत जहाँ खड़ा है, वहाँ से एक और विश्वयुद्ध की हद, महत दूरी पर नहीं है। क्या आप बता पाएंगें कि, संसार में वैमनस्य का वर्धन क्यों हो रहा है ? क्यों द्वेष अपनी पराकाष्ठा […]