आज की जीवनशैली सिर्फ़ बुद्धिमत्ता पर निर्भर होती जा रही है। और इस स्पर्धा में व्यक्ति भूलता जा रहा है कि बुद्धि के विकास के साथ शारीरिक विकास उतना ही अनिवार्य है। दोनों ही के संतुलन के द्वारा पूर्ण व्यक्तित्व का विकास संभव है। यानि पूर्ण विकास का तात्पर्य है शारीरिक, मानसिक एवं ऐन्द्रीक  संवेदनाओं पर नियंत्रण।

इसी हेतु आत्मीय विद्यामंदिर पाठशाला में दिनांक 6 अगस्त 2016 को समय सुबह 11:20 से 12:30 तक पाठशाला के प्राथमिक विभाग, संगणक प्रयोगशाला (कम्पूटर लैब-1) के उपांतिका (लॉबी) में, जीव विज्ञान प्रयोगशाला में एवं संगीत कक्ष में इन स्पर्धाओं का आयोजन किया गया।

प्राथमिक विभाग की शिक्षिका शर्मिल मैडम एवं श्रीजिचिन्तन मैडम, अंग्रेजी के शिक्षक श्री प्रभुदर्शन सर, हिन्दी शिक्षक श्री कमलेश सर, गुजराती शिक्षक श्री गौतम सर, विज्ञान शिक्षक श्री प्रेरक सर, हिन्दी शिक्षक श्री मुकेश सर एवं विज्ञान शिक्षक श्री आनंद सर, इत्यादि शिक्षक गण के मार्गदर्शन एवं संचालन में इस स्पर्धा का आयोजन किया गया।

        पाठशाला के विविध  आँगनों में इस स्पर्धात्मक खेलों का आयोजन किया गया।

  • कक्षा 1 से 3 में रिले दौड़ का आयोजन किया गया जिसका निर्देशन प्राथमिक विभाग की शिक्षिका शर्मिल मैडम एवं श्रीजिचिन्तन मैडम द्वारा किया गया। इसमें हर हाउस से 6 बच्चे यानि कुल 24 बच्चों ने स्पर्धा में भाग लिया। इस खेल में बच्चे अपने साथ कोई चीज़ लेकर दौड़ेगें जो कि उन्हें अगले खिलाड़ी को देनी है।
  • कक्षा 4, 5 एवं 6 में शिक्षक श्री प्रभुदर्शन सर, हिन्दी शिक्षक श्री कमलेश सर की निगरानी में निम्नांकित क्रीड़ाओं द्वारा छात्रों ने आनंद प्राप्त लिया । इसमें कक्षा 4 से हर हाउस से 8 बच्चे, कक्षा 5 से हर हाउस से 5 बच्चे तथा कक्षा 6 से हर हाउस से 5 बच्चे शामिल हुए इस प्रकार इस स्पर्धा में कुल 72 बच्चे सहभागी बने।
    1. कक्षा 4 में सीमित समय मर्यादा में अंगुठी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना था।
    2. कक्षा 5 में खिलौनों से बने शुड़ाकार स्तंभ (पिरामिड़) को गेंद से गिराना था।
    3. कक्षा 6 में लगड़ी खेल का आयोजन किया गया था।
  • कक्षा 7 और 8 में गुजराती शिक्षक श्री गौतम सर एवं विज्ञान शिक्षक श्री प्रेरक सर के निरिक्षण एवं संचालन में जीव विज्ञान प्रयोग शाला में नोज़ ड्राइव अर्थात नाक पर वैसलिन लगा कर रूई को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने की क्रीड़ा का आयोजन किया गया। इस खेल कक्षा 7 के हर हाउस से 2 छात्र तथापि कक्षा 8 से हर हाउस से 2 छात्र लिए गए। इस प्रकार कुल 16 छात्रों ने इस खेल में हिस्सा लिया।
  • कक्षा 9 और 10 में हिन्दी शिक्षक श्री मुकेश सर एवं विज्ञान शिक्षक श्री आनंद सर के सानिध्य एवं मार्गदर्शन में निम्नांकित क्रीड़ाओं का आयोजन किया गया। इस खेल में भी कक्षा 9 से हर हाउस से 4 छात्र एवं कक्षा 10 से भी हर हाउस से 4 छात्र लिए गए। इस प्रकार इस खेल में कुल 16 छात्र ने अपनी अपनी कला का प्रदर्शन कर अपने हाउस को जीताने का प्रयास किया।
  1. वस्तुओं की पहचान। (आंखों पर पट्टी बाधकर—सुंघकर, स्पर्ष द्वारा एवं सुनकर)
  2. एक टप्पे में गेंदों को टोकरी में डालना।
  3. टेनिस बोल को 2 मिनट तक उछालते रहना।
  4. धीमी गति साईकिल चालन।

इन सभी स्पर्धात्मक खेलों द्वारा छात्र शारीरिक एवं मानसिक विकास करना सीखेंगें एवं उनका तालमेल कर ऐन्द्रीक संवेदनाओं का विकास कर उन पर संयम कैसे प्राप्त किया जाए, जिससे मन को नियंत्रित कर अभ्यास में एकाग्रता प्राप्त कर सकें एवं अच्छा परिणाम प्राप्त कर माता-पिता एवं गुरुजनों को प्रसन्न कर सकें तथापि इनके द्वारा स्वयं का विकास कर सकें।

इन सभी स्पर्धात्मक खेलों द्वारा न सिर्फ स्पर्धात्मक छात्रों ने किन्तु दर्शकों ने भी तथापि शिक्षक गण ने भी  खेल का आनंद लिया।

 -हिन्दी शिक्षक मुकेशभाई जोशी