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जीवन रूपी बगिया का माली – प्रभु !…

हे प्रभु !… यह जीवन एक बगिया और तुम हो माली। हम सब की डोर तुमने ही सँभाली। जब कभी मुसीबतों की आँधी आई, मेरी झुकती हुई डाली, तुमने ही सहलाई।। जीवन रूपी बगिया में, वात्सल्य की फुहार बहाकर, प्रेमरूपी वर्षा का पानी बरसाकर। हे प्रभु! तुमने यह पुष्प का चमन तो खिलाया। मगर साथ […]

Students’ Poems

जीवन रूपी बगिया का माली – प्रभु !…

हे प्रभु !… यह जीवन एक बगिया और तुम हो माली। हम सब की डोर तुमने ही सँभाली। जब कभी मुसीबतों की आँधी आई, मेरी झुकती हुई डाली, तुमने ही सहलाई।। जीवन रूपी बगिया में, वात्सल्य की फुहार बहाकर, प्रेमरूपी वर्षा का पानी बरसाकर। हे प्रभु! तुमने यह पुष्प का चमन तो खिलाया। मगर साथ […]

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