Celebrating the Saralta of Shri Ganpatiji – Ganesh Chaturthi 2018

“विघ्न हरण, मंगल करण, गणनायक गणराज |

रिद्धि सिद्धि सहित पधारजो, म्हारा पूरण करजो काज ||”

गणेश चतुर्थी हिन्दू धर्म का अत्यधिक मुख्य तथा बहुत प्रसिद्ध पर्व है। इसे हर साल अगस्त या सितंबर के महीने में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसे भगवान गणेश जी के जन्म दिन के रुप में मनाते हैं, जो माता पार्वती और भगवान शिव के पुत्र हैं। ये बुद्धि और समृद्धि के भगवान हैं इसलिए इन दोनों को पाने के लिये लोग इनकी पूजा करते हैं। लोग गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा अपने घर लाते हैं और चतुर्थी पर घर में रखते हैं तथा दस दिन तक उनकी भक्ति करते हैं | उसके बाद अनन्त चतुर्दशी के दिन अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते हैं।

आत्मीय विद्या मंदिर एक ऐसा विद्या मंदिर है जहाँ पर छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ विशेष रूप से संस्कार एवं आध्यात्मिकता का ज्ञान दिया जाता है | छात्रों के अंदर भक्ति भाव का सिंचन हो उसी उद्देश्य से विद्यालय में अलग-अलग धार्मिक त्योहार मनाये जाते हैं | उन त्योहारों में से इस साल विद्यालय में गणेश चतुर्थी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया | इस वर्ष गणेश चतुर्थी के दिन 13 सितंबर 2018 शाम 4 बजे सभी छात्रों ने और अद्यापकों ने मिलकर गणपति जी का बड़े उत्साह के साथ स्वागत किया | विद्यालय प्रांगण में छात्रोंने गणपतिजी की मूर्ति के साथ प्रदक्षिणा की, तत् पश्चात विद्यालय के प्रार्थना खंड में मूर्ति स्थापन किया गया | यहाँ पर पाँच दिन तक गणेश वंदना एवं पूजा-अर्चना हुई और पाँचवें दिन 17 सितंबर 2018 शाम 4 बजे गणेश जी की मूर्ति के विसर्जन हेतु सभी छात्रों ने उत्साह के साथ विसर्जन में भाग लिया | और विघ्न हर्ता गणेश जी को हृदय से प्रार्थना की अगले साल जल्दी आना | सभी के लिए मंगल कामना करते हुए मूर्ति का विसर्जन नदी के अंदर भक्ति भाव से किया गया | सच में एक अद्भूत संस्मरण कह सकते हैं |  छात्रों ने इस त्योहार का भरपूर आनंद लिया |

अंत में भगवान गणेश जी से प्रार्थना करें कि आप लोगों के जीवन से सभी बाधाओं और मुश्किलों को दूर करें | साथ ही साथ उनके जीवन को खुशियों से भर दें। हमारा देश भारत बहुत ही प्रगति करता रहे और आबाद रहे ऐसी आपसे हृदय से प्रार्थना |

कमलेश सर